आँखों की लाईलाज बीमारी के लिए विकसित पीके सुप्राकोरॉइडल नीडल मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट



आँखों की लाईलाज बीमारी के लिए विकसित पीके सुप्राकोरॉइडल नीडल मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट

कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ परवेज़ खान ने आँखों की रेटिना से सम्बंधित लाईलाज बीमारियों से निपटने में कारगर पीके सुप्राकोरॉइडल नीडल विकसित किया है जिसे अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट भी मिल गया है। विकसित की गयी पीके सुप्राकोरॉइडल नीडल की मदद से आँखों की रेटिना के नसों तक पहुँच कर टारगेट पॉइंट पर ईलाज किया जा सकेगा। 


डॉ परवेज़ खान ने बताया कि विकसित की गयी पीके सुप्राकोरॉइडल नीडल से आँखों के अंदर के उस स्तर तक पहुंचा जा सकता है, जहां अभी तक पहुंचना नामुमकिन था और कई गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं हो सकता था। वही विकसित की गयी सुप्राकोरॉइडल नीडल से अब रतौंधी, रेटिना पिगमेंटोसा सहित कई अन्य लाईलाज बीमारियों का किया जा सकता है।  

वही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला ने कहा कि डॉ परवेज़ द्वारा विकसित ऑप्थेलमिक डिवाइस का इंटरनेशनल पेटेंट होना मेडिकल कॉलेज सहित उत्तर प्रदेश के लिए गौरव है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इंटरनेशनल जर्नल पर डॉ परवेज़ खान का शोध पत्र भी पब्लिश होगा।