ज्वार फसल के तने से विकसित किये गए कई मूल्य वर्धित उत्पाद किसानो की बढ़ेगी आय

 



राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने ज्वार फसल के तने से विकसित किये कई मूल्य वर्धित उत्पाद किसानो की बढ़ेगी आय 


नए स्टार्ट अप, नए निवेश रोजगार सृजन होने के साथ ही किसानो की बढ़ेगी आय 


राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर नगर के वैज्ञानिको ने ज्वार फसल के तने (स्वीट सोरगम) से  कई मूल्य वर्धित उत्पादों को विकसित करने में सफलता प्राप्त किया है। संस्थान द्वारा विकसित किये गए उत्पादों से भविष्य में नए स्टार्ट अप  के साथ किसानो की उच्च आय, नए निवेश और रोजगार सृजन करेगा। गौरतलब है कि मिल्लेट्स को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। 


राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक नरेंद्र मोहन ने बताया कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिल्लेट्स रिसर्च के सहयोग से ज्वार की 11 प्रजातियों को लगाई गयी थी, जिनमे से उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुरूप ज्वार की 5 उपयुक्त प्रजातियों पर प्रयोग कर कई मूल्य वर्धित उत्पादों को विकसित किया गया। उन्होंने बताया कि  मुख्यता ज्वार का उपयोग मिल्लेट्स के तौर पर और इसके तने को जानवरो के चारे के रूप में किया जाता है। 


वही संस्थान ने ज्वार के तने को पेर कर इसका रस निकालकर अल्कोहल और लो कैलोरी शुगर बनाया जिसका कैलोरी कंटेंट 6 से भी कम होने के साथ ही इसमें विशिष्ट सौंधापन है। जबकि इसके फाइबर से डाइटरी फाइबर , एक्टिवेटिड बायोचार और वैनिला फ्लेवर के श्रोत का विकल्प लो कॉस्ट की वैनिलिन विकसित किया। उन्होंने बताया कि विकसित किये गए मूल्य वर्धित उत्पादों से नए स्टार्ट अप, नए निवेश रोजगार सृजन होने के साथ ही किसानो की आय भी बढ़ेगी।