आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिको ने खोजा इंफ्लेमेटरी सहित कई रोगों में पथ-प्रदर्शक रिसेप्टर मॉलिक्यूल्स, दवाए बनाने में मिलेगी मदद

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिको ने खोजा इंफ्लेमेटरी सहित कई रोगों में पथ-प्रदर्शक रिसेप्टर मॉलिक्यूल्स, दवाए बनाने में मिलेगी मदद


आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिको ने क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के सहयोग से सूजन-संबंधी (इंफ्लेमेटरी) रोगों  के साथ कोविड 19 के ईलाज में सहायक दवाओं में पथ-प्रदर्शक रिसेप्टर मॉलिक्यूल्स खोजने में सफलता प्राप्त किया है। वैज्ञानिको द्वारा किये गए अनुसंधान कार्य पुरानी सूजन संबंधी बीमारी के ईलाज सहित अन्य कई बीमारियों के ईलाज हेतु संभावित चिकित्सीय लक्ष्य की पहचान करेगा।इस सन्दर्भ में आईआईटी कानपुर और द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के वैज्ञानिको द्वारा सूजन संबंधी बीमारी में एक पथ-प्रदर्शक अंतरराष्ट्रीय सहयोगी शोध परिणाम भी प्रकाशित किया गया है। 

यह पहली बार है कि शोधकर्ताओं ने प्रतिरक्षा प्रणाली के भीतर प्रमुख अणुओं की कार्यप्रणाली की पहचान की है जो सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं तथा सूजन संबंधी बीमारियों के कारक है। शोध के निष्कर्ष नई दवा अणुओं में आगे के शोध में मदद करेंगे जो रिसेप्टर्स पर कार्य कर सकते हैं जो कि एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा अणु है और कैंसर, रूमेटोइड गठिया, सेप्सिस और कोविड-19 जैसे कई प्रतिरक्षा से जुड़े सूजन संबंधी अन्य कई पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए संभावित चिकित्सीय लक्ष्य के रूप में उपयोगी मन जा रहा है। शोध में भारत से आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अरुण शुक्ला के साथ असुका इनौ, तोहोकू विश्वविद्यालय, जापान और स्टीफन ए०लापोर्टे, मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा के शोधकर्ताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग किया गया है।

शोध के मुख्य अन्वेषक प्रो अरुण कुमार शुक्ला के अनुसार खोज किये गये रिसेप्टर मॉलिक्यूल एक तरह के प्रोटीन होते है जो कि हमारे सेल के मेम्ब्रेन में रहते है और सिग्नलिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। यह रिसेप्टर मॉलिक्यूल एक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म के तहत काम करते है, जिनकी पहले जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि इस खोज के जरिये हम कोविड 19 की बीमारी सहित अन्य कई तरह की बीमारियों से निपटने में सहायक दवाओं को बनाने में मदद मिलेगी।