संघ अपना काम स्वयंसेवको के बल पर चलाता है - सरसंघचालक मोहन भागवत
सरसंघचालक मोहन भागवत
संघ अपना काम स्वयंसेवको के बल पर चलाता है - सरसंघचालक मोहन भागवत
कानपुर पांच दिवसीय प्रवास पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन मधुकर भागवत ने आज कारवालोनगर में नवनिर्मित प्रदेश के पहले संघ भवन का उद्घाटन किया, इस दौरान बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
नवनिर्मित चार मंजिल संघ केशव भवन में राजस्थान से लाए गए लाल पत्थरों का प्रयोग किया गया है। भवन की पेंटिंग गोबर मिश्रित विशेष पेंट से कराई गई है। भवन का मुख्य द्वार और चार दीवारी भी लाल पत्थर से बनाई गई है। भवन में एक बड़ी लाइब्रेरी की स्थापना भी की गई है जहाँ पर हिंदू
धर्मों इतिहास को बताने वाले साहित्य और ज्ञानवर्धक पुस्तकें रहेंगी।
भागवत ऐसे पहले सरसंघचालक हैं, जो उत्तर प्रदेश के किसी संघ भवन में पहली बार प्रवास कर रहे हैं। अभी तक जब भी उनका कानपुर या प्रदेश के किसी भी जिले में आना हुआ है, उनका प्रवास संघ कार्यालयों की जगह किसी अन्य स्थान पर ही रहा है। अभी तक प्रदेश में संघ की अपनी कोई ऐसी जगह नहीं थी।
अपने संबोधन में सरसंघचालक ने कहा कि संघ का कार्य वास्तव में समाज का कार्य है और पूरे समाज को अपने देश और स्वयं के लिए और समाज के प्रत्येक व्यक्ति और परिवार के लिए इसे करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष हिन्दू समाज की मातृभूमि है और हिन्दू समाज को अपने दायित्व के लिए तैयार होना चाहिए।
सरसंघचालक ने कहा कि पिछले 2 हज़ार वर्षो से समाज में आयी आत्मविस्मृति के कारण हम आपसी स्वार्थो में उलझ कर अपने कर्तव्यों से विमुख हो गए जिसका लाभ विदेशी आक्रांताओ ने लिया और हमको लूटा पीटा। सरसंघचालक ने कहा कि स्वयंसेवक संघ के लिए सुविधा खड़ी कर सकते है। संघ अपना काम अपने स्वयंसेवको के बल पर चलाता है समाज के कार्य के लिए समाज से सहयोग लेता है, अपने काम के लिए समाज से कुछ नहीं लेता है।
उन्होंने कहा कि संघ कार्य को बढ़ाने को लेकर सरसंघचालक ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर और डॉ हेडगेवार दोनों के सामने विश्व का मार्गदर्शन करने वाला भेद रहित, स्वार्थ रहित समतायुक्त शोषणमुक्त भारत का हिन्दू समाज था। ऐसा समाज हम खड़ा करे जो भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में अग्रसर हो।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए समाज को कार्य करना होगा। भारत हिंदू समाज का घर है। संघ जीवन है। संघ का कार्य सबके जीवन में सुचिता और करुणा लाना है। भागवत ने बाबा साहब को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू समाज को विषमता से बाहर लाने का काम किया।
सरसंघचालक अपनी इस यात्रा के दौरान वह क्षेत्र और कानपुर प्रांत से जुड़े प्रचारकों के साथ बैठक कर अक्तूबर में होने वाले संघ के शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना तैयार करेंगे। इसे पूरे देश में अभियान के तौर पर लागू किया जाएगा।