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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विवेकानंद संस्था ने दिव्यांगों संग मनाया अंतराष्ट्रीय योग दिवस

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  विवेकानंद संस्था ने दिव्यांगों संग मनाया अंतराष्ट्रीय योग दिवस  अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर  विवेकानंद संस्था के निदेशक सुकर्ण चंदेल ने विवेकानंद ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के छात्रों के साथ ऑनलाइन योगाभ्यास किया। सुकर्ण चंदेल ने योग को स्वास्थ्य के लिए वरदान बताते हुए कहा कि योग विधा का लाभकारी प्रभाव से सम्पूर्ण जीवन स्वस्थ हो जाता है। नियमित योगाभ्यास से नकारात्मकता दूर होने लगती है और शरीर के साथ स्वस्थ मानसिकता का विकास होने लगता है।  सुकर्ण चंदेल ने छात्रों को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेकर स्वस्थ जीवन के लिए योग के महत्व को अंगीकृत करने की अपील किया। सुकर्ण चंदेल ने बताया कि विवेकानंद ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के सभी विद्यालयों में छात्रों को प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जाता है।      

अंतर्मन को छूता महाभारत का श्री कृष्ण और भीष्म प्रसंग

अंतर्मन को छूता महाभारत का श्री कृष्ण - भीष्म प्रसंग महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था. युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में पसरी हुई थी घोर उदासी .... ! गिद्ध , कुत्ते , सियारों की उदास और डरावनी आवाजों के बीच उस निर्जन हो चुकी उस भूमि में द्वापर का सबसे महान योद्धा "देवव्रत" (भीष्म पितामह) शरशय्या पर अकेले पड़े सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा कर रहे थे ! तभी उनके कानों में एक परिचित ध्वनि शहद घोलती हुई पहुँची , "प्रणाम पितामह" .... !! भीष्म के सूख चुके अधरों पर एक मरी हुई मुस्कुराहट तैर उठी ,  बोले , " आओ देवकीनंदन .... !  स्वागत है तुम्हारा .... !! मैं बहुत देर से तुम्हारा ही स्मरण कर रहा था" .... !! श्री कृष्ण बोले ,  "क्या कहूँ पितामह ! अब तो यह भी नहीं पूछ सकता कि कैसे हैं आप" .... ! भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले," पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव ... ? उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें ...

ब्लैक फंगस मरीजों का नई तकनीक से सफलतापूर्वक किया जा रहा इलाज

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ब्लैक फंगस मरीजों का  नई  तकनीक से सफलतापूर्वक किया जा रहा इलाज वैश्विक महामारी कोविड 19 के संक्रमण की दूसरी लहर के बाद ब्लैक फंगस संक्रमण के खतरे से लोगो डरे हुए है। वही पिछले दिनों जनपद में ब्लैक फंगस संक्रमण के कई मरीज सामने आये जिनका जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सफलता पूर्वक इलाज किया जा रहा है।  मेडिकल कॉलेज में नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ परवेज खान द्वारा नई तकनीक का ईजाद कर ब्लैक फंगस संक्रमण से ग्रसित मरीजों का सफलतापूर्वक ईलाज कर ब्लैक फंगस संक्रमण से ग्रसित मरीजों की आँखों को भी बचाया जा रहा है।                                                  जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ परवेज खान ने म्यूकोर माइकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके संक्रमण का खतरा मुख्यता कम इम्युनिटी वाले लोगो के साथ डायबिटीज के मरीजों और बीमारी के दौरान स्टेरॉयड का ज्यादा प्रयोग करने वाले लोगो में...

किस काम की दौलत

  किस काम की दौलत धन कमाने की होड़ में गलत सही, धर्म अधर्म से परे धनवान बनने के लिए छल कपट चोरी डकैती भ्रस्टाचार में लिप्त होकर लोग अपनी तिजोरी भरने संपत्ति बढ़ाने में लगे है... पर क्या एकत्रित किये गए धन से किसी का जीवन खरीदा जा सकता है..??? वैश्विक महामारी कोरोना ने सभी लोगो को सबक ज़रूर दिया है। खुदा का सबक सिखाना भी जरूरी था साहब... कुछ नासमझ धन के मद में चूर होकर खुद को ही खुदा समझ बैठे थे। न्यूयॉर्क की एक सच्ची घटना सीखने के लिए काफी है। न्यूयॉर्क में एक व्यक्ति करोना की वजह से मर गया , उसने अपने दोस्त के नाम वसीयत में लिखा कि मेरे मरने के बाद मेरा सारा पैसा सड़क के बीचो बीच आसमान में उछाल कर लुटा देना।  जिससे लोगों को सीख मिले कि दुनिया की सारी दौलत भी किसी इंसान की मौत को नही टाल सकती।  अर्जित की गयी धन संपत्ति सिर्फ वो कागज के टुकड़े थे, जिसको कमाने के चक्कर में धर्म अधर्म सही गलत तरह से कमाने के लिए मैने अपना पूरा जीवन लगा दिया।

सनातन धर्म और ज्योतिष

सनातन धर्म और ज्योतिष ज्योतिष के विषय में कठोर आलोचनात्मक, निंदात्मक, पाखण्ड, झूठ, धंधा आदि कहने वाले लोगो की अपनी इच्छा है क्योंकि किसी के कहने से सूर्य का प्रकाश कम नहीं होता।  ज्योतिष सूर्य और चंद्रमा की विद्या है। इसे लांछित करना प्रज्ञापराध की श्रेणी में आता है। जिसका दंड स्वयं काल समय आने पर देता है। सनातन की परम्परा से अनादिकाल से चल आ रहे वैदिक ज्ञान के अनुसार जानना चाहिए कि ज्योतिष क्या है...?? सनातन, वैदिक, हिंदू संस्कृति और आर्य परंपरा वेदों को मुख्य शास्‍त्र मानकर पूजती है। शास्त्रों ने वेदों के 6 अंग बताए हैं। जिन्हें शिक्षा, कल्प, निरुक्त, व्याकरण, ज्योतिष और छंद के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों ने ज्योतिष को वेदों का नेत्र कहा है, जिसके साक्षी भगवान सूर्य और चंद्रमा हैं। ज्योतिष हमारा बनाया हुआ नहीं है। हम ज्योतिष के उन सूत्रों का अनुसरण करते हैं, जिन्हें वेदों की ऋचाओं का गान करने वाले मंत्रदृष्टा ऋषियों ने लिखा है।  ज्योतिष शास्त्र नक्षत्र आदि की स्थिति के अनुकुल या प्रतिकुल ग्रहों की गति की गणना का विज्ञान है । जिनके अठारह प्रवर्तक हमारे मनीषियों ने कहा है ...