देश का पहला शहर जहां सबसे पहले आजादी का जश्न 14 अगस्त की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे झंडारोहण कर मनाया



देश का पहला शहर जहां सबसे पहले आजादी का जश्न 14 अगस्त की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे झंडारोहण कर मनाया 

 

कानपुर देश का पहला शहर है जहां सबसे पहले आजादी का जश्न 14 अगस्त की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे झंडारोहण कर मनाया जाता है। जनपद कानपुर नगर के मेस्टन रोड़ पर 14 अगस्त रात्रि 12 बजे मेस्टन रोड़ पर झण्डारोहण किया गया, यह परंपरा 1947 से चली आ रही है यहाँ सबसे पहले सन 1947 की 14 - 15 अगस्त की रात ठीक 12 बजे तब झंडा फहराया गया था। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कार्यक्रम में कम लोग रहे। 


 

देश के आज़ादी के समय कानपुर वासियों ने 14 अगस्त रात्रि 12 बजे मेस्टन रोड़ पर झण्डारोहण किया और पूरा शहर बिना सोये प्रभात फेरी में लग गया था। जिसके बाद से कानपुर की यह परंपरा आज तक चली आ रही है। आजादी से पूर्व कानपुर ही संयुक्त प्रान्त का ऐसा शहर था, जहां पर क्रांतिकारी और नेता अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रणनीति बनाते थे। आजादी के बाद भी कानपुर देश में अपनी अलग छाप छोड़ने में सफल रहा।


 

चूंकि 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वाधीनता दिवस होता है। इसलिए तय यह हुआ था कि हिन्दुस्तान का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाएगा। तब राष्ट्रपति भवन को वायसराय पैलेस कहा जाता था। वहां रात 12 बजे नामित प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू झंडा फहराएंगे। इधर कानपुर में लोगों में जोश के साथ जबर्दस्त तैयारियां थी और स्थानीय नेताओ ने यह तय किया कि वह भी नेहरू जी के साथ रात 12 बजे झंडा फहराएंगे। इस तरह कानपुर देश का पहला शहर बना जिसने सबसे पहले आजादी का जश्न मनाया। तभी से 14 अगस्त की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे यहां पर झंडारोहण करने की परंपरा चली आ रही है ।