कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान का महत्व 


कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान का महत्व 


पवित्र नदियों में स्नान करना हिंदू धर्म के अनुसार सर्वदा शुभ ही होता है पर कुछ विशेष पर्व और तिथियों में पवित्र नदियों में स्नान करने के महत्व बहुत श्रेष्ठकर माना जाता है। ऐसे ही विशेष पर्व में कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान कर पूजन अर्चन करना अति शुभ फलदायक माना जाता है।


इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का स्नान भरणी नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ बने शुभ संयोंगो में 12 नवंबर को बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ गंगा स्नान कर मनाया गया। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने के साथ ही दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, यमुना सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप धुल जाते है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करके  भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने रखते है, जिससे आध्यात्मिक ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है। 


ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वही गंगा स्नान के बाद गंगा नदी में दीप दान करने से दस यज्ञों का फल मिलता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है। भरणी नक्षत्र में स्नान करने से ऐश्वर्य और सुख की प्राप्ति होती है।


मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार यानि मत्स्य अवतार लिया था। माना जाता है कि शिवजी ने इसी दिन देवताओं पर अत्याचार करने वाले त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है।