जलवायु परिवर्तन से फसलों पर प्रभाव को लेकर कृषि वैज्ञानिक मौसम आधारित बीजो पर शोध कर और उत्पादन बढ़ाये - सूर्य प्रताप शाही , कृषि मंत्री 


जलवायु परिवर्तन से फसलों पर प्रभाव को लेकर कृषि वैज्ञानिक मौसम आधारित बीजो पर शोध कर और उत्पादन बढ़ाये - सूर्य प्रताप शाही , कृषि मंत्री (उ.प्र.)

 

 

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि ,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विभाग और सीएसए के अधिकारियो के साथ समीक्षा बैठक किया।

 

पत्रकारों से बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए आने वाले दिनों में  फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर मौसम आधारित बीजो पर शोध करना और उत्पादन करने के साथ सभी विभागों के कृषि वैज्ञानिको से 3 वर्षो का रोड मैप तैयार करने को कहा गया है। वही जलवायु के प्रभाव या अन्य कारणों से रोगजनित फसलों के सन्दर्भ में किसानो को एडवाइजरी जारी करने के लिए भी कृषि वैज्ञानिको से कहा गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि स्वीकृत शैक्षिक पदों पर भर्ती की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेस्टिंग आवश्यक है इस दृष्टि से इसका संरक्षण करके खेती में उपयोग करने की पहल विश्विद्यालय को करनी चाहिए।    

 

इस समय फसलों की हो रही कटाई पर कृषि मंत्री ने कहा कि पराली को जलाने की घटनाओ को रोकथाम के लिए विश्विद्यालय द्वारा आसान तरीके निकाला जाना चाहिए। कृषि मंत्री ने किसानो से फसलों के अवशेष को जलाने की जगह उसका उपयोग कम्पोस्ट के रूप में खेतो में करने की अपील किया। उन्होंने बताया कि किसानो के लिए कृषि यंत्र , सोलर पंप लेने के साथ ही बुवाई के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर सभी जनपदों में गेहू , चना , मटर , मसूर के बीजो को उपलब्ध कराया गया है जिसका किसान लाभ ले सकते है।   

 

पराली जलाये जाने को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि आज सेटेलाइट से जानकारी मिल जाती है कि किस जगह पराली जलाई जा रही है। जहां संज्ञान में आ रहा है वहाँ इसको लेकर कार्यवाही की जा रही है। कृषि मंत्री ने किसानो से अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने की जगह पर कृषि यंत्रो को लेकर फसल अवशेष से कम्पोस्ट बनाकर खेत और पर्यावरण के नुक्सान को बचाये और उत्पादन को बढ़ाये। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।