कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर समस्त विभागों के चिकित्सको, कर्मचारियों और छात्रों को मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ आरती लाल चंदानी ने नशा मुक्ति की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्रीमंडल में डॉ हर्षवर्धन को पुनः जगह मिलने पर मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सको ने ख़ुशी जाहिर किया। केंद्रीय मंत्री डॉ हर्ष वर्धन की बैचमेट और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ आरती लाल चंदानी ने ख़ुशी का इजहार करते हुए बताया कि डॉ हर्षवर्धन ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में 1974 में प्रवेश लिया और 1983 में एमएस ईएनटी पास किया था। डॉ आरती लालचंदानी ने बताया कि डॉ हर्षवर्धन का स्वाभाव शुरू से ही काफी सकारात्मक और ऊर्जावान है। डॉ हर्षवर्धन आरएसएस में बहुत एक्टिव थे और कॉलेज में शाखा भी चलाते थे। डॉ हर्षवर्धन शुरू से ही समाज की बुराइयो को दूर करने के लिए समर्पित रहे है। कॉलेज के दिनों में भी डॉ हर्षवर्धन तम्बाकू पर प्रतिबन्ध को लेकर अभियान चलाते थे। डॉ लालचंदानी ने बताया कि डॉ हर्षवर्धन ने पोलियो इरेडिकेशन को लेकर बहुत काम किया है, इसके लिए उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले है। दो बूंद जिन्दगी के कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ हर्षवर्धन का बड़ा योगदान रहा है।
डॉ आरती लालचंदानी ने कहा कि डॉ हर्षवर्धन चाहते है की कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का देश विदेश में काफी नाम हो और कॉलेज इंस्टीटूट बने और टॉप पर रहे। अब पुनः डॉ हर्षवर्धन के स्वास्थ्य मंत्री बनने से पूरे देश को लाभ मिलने के साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उम्मीदों को पूरा किया जाएगा। डॉ आरती लाल चंदानी ने बताया कि डॉ हर्षवर्धन के अथक प्रयासों से ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनने वाले सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का लाभ मिला था। जिसके तहत अप्रैल 2020 तक सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल तैयार हो जाएगा और इसका सीधा लाभ आसपास के जिलों से इलाज के लिए आने वाले करोडो मरीजों को मिलेगा।