नौ अंक का महत्व - आचार्य श्याम जी अग्निहोत्री

 


नवरात्रि के नौ दिनों में से 7 दिन तो चक्रों को जागृत करने की साधना की जाती है। 8वें दिन शक्ति को पूजा जाता है। नौंवा दिन शक्ति की सिद्धि का होता है। शक्ति की सिद्धि यानि हमारे भीतर शक्ति जागृत होती है। अगर सप्तचक्रों के अनुसार देखा जाए तो यह दिन कुंडलिनी जागरण का माना जाता है। अंकों में नौ अंक पूर्ण होता है। नौ के बाद कोई अंक नहीं होता है। ग्रहों में नौ ग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है। फिर साधना भी नौ दिन की ही उपयुक्त मानी गई है। किसी भी मनुष्य के शरीर में सात चक्र होते हैं जो जागृत होने पर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं। 


​                                                                                                                                                        - आचार्य श्याम जी अग्निहोत्री