रतौंधी का ऑटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी से ईलाज कर स्थापित किया विश्व कीर्तिमान

 


रतौंधी का ऑटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी से सफलतापूर्वक ईलाज कर विश्व में कीर्तिमान किया स्थापित 

गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज कानपुर में नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान विश्व में कीर्तिमान स्थापित करते हुए आँखों की रौशनी खो चुके मरीजों के वरदान सिद्ध हो रहे है। डॉ परवेज खान ने कड़ी मेहनत के बाद प्रयोग कर ऐसी तकनीक खोज लिया है जिससे आँखों की रौशनी खो चुके मरीजों की ईलाज और शल्य चिकित्सा के बाद रौशनी वापस आने की उम्मीद जग गयी है। 

गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व डॉ परवेज खान ने एक विशेष प्रकार का यंत्र निडिल विकसित किया था। जिससे रतौंधी के मरीजों का ईलाज प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) को मरीज की आंख की सतह पर इंजेक्ट कर सफलतापूर्वक किया जा रहा है, इस तकनीक से रोगियों के इलाज में 80 प्रतिशत लोगों की आंखों की रोशनी में वृद्धि पाई गई है। 

अपने शोध को जारी रखते हुए डॉ परवेज़ खान ने चिकित्सा जगत में कीर्तिमान स्थापित किया और विश्व में पहली बार रतौंधी यानि रेटिनिसिस पिगमेंटोसा के मरीजों का ईलाज के लिए ऑटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी करने में सफलता प्राप्त किया है। डॉ परवेज़ खान ने बताया कि यह बीमारी जेनेटिक है और इस बीमारी का ईलाज विश्व में कही भी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने ऑटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी को मील का पत्थर मानते हुए कहा कि इस तकनीक पर पिछले तीन वर्षो से शोध किया जा रहा था। 


बाइट - डॉ परवेज खान, विभागाध्यक्ष, नेत्र विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर