"साला" शब्द की रोचक जानकारी
"साला" शब्द की रोचक जानकारी

 

हम प्रचलन की बोलचाल में साला शब्द को एक गाली के रूप में देखते हैं, साथ ही "धर्मपत्नी" के भाई / भाइयों को भी साला / सालेसाहब के नाम से इंगित करते हैं।

पौराणिक कथाओं में से एक समुद्र मंथन में एक जिक्र मिलता है, मंथन से जो 14 दिव्य रत्न प्राप्त हुए थे वो थे:-

 

1- कालकूट (हलाहल)

2- ऐरावत

3- कामधेनु

4- उच्चैःश्रवा

5- कौस्तुभमणि

6- कल्पवृक्ष

7- रंभा (अप्सरा)

8- लक्ष्मी

9- शंख (जिसका नाम साला था)

10- वारुणी मदिरा

11- चन्द्रमा

12- शारंग धनुष

13- गंधर्व

14- और अंत में अमृत

 

"लक्ष्मीजी" मंथन से "स्वर्ण" के रूप में निकली थी। इसके बाद जब "साला शंख" निकला, तो उसे लक्ष्मी जी का भाई कहा गया। दैत्य और दानवों ने कहा कि अब देखो लक्ष्मी जी का भाई साला (शंख) आया है। 

 

तभी से ये प्रचलन में आया कि नवविवाहिता "बहु" या धर्मपत्नी जिसे हम गृहलक्ष्मी कहते है, उसके भाई को बहुत ही पवित्र नाम "साला" कहकर पुकारा जाता है। 

 

इसलिए मान्यता है कि जब भी धन-प्राप्ति के उपाय करे "शंख" को नजरअंदाज ना करे, लक्ष्मी जी की फ़ोटो/प्रतिमा के नजदीक रखें। जब भी किसी जातक का साला या जातिका का भाई खुश होता है तो ये उनके यहाँ "धन आगमन" का शुभ सूचक होता है, और इसके विपरीत साले से संबंध बिगाड़ने पर जातक घोर दरिद्रता का जीवन जीने लगता है।

 

अतः सालेसाहब को सदैव प्रसन्न रखे, लक्ष्मी स्वंय चलकर आपके घर दस्तक देगी।