नकली दूध, मावा, खोया पहचानने के आसान तरीके



 

नकली दूध, मावा, खोया पहचानने के आसान तरीके

- विजय प्रताप सिंह, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग 

 

त्योहारों पर बड़ी मात्रा में नकली खाद्य पदार्थो के सेवन से लोगो के स्वास्थ्य पर गंभीर असर होता है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा त्योहारों पर अभियान चलाकर नकली खाद्य पदार्थो की बिक्री पर शिकंजा कैसा जाता है । 
 

कानपुर नगर के जिला अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन , विजय प्रताप सिंह ने खाद्य पदार्थी में मिलावट को लेकर लोगो को जागरूक रहने के साथ ही खाद्य पदार्थो में मिलावट होने के घरेलू तरीको को बताया जिससे लोग आसानी से दूध , मावा - खोया , घी आदि में नकली खाद्य पदार्थो को पहचान सकते है। गौरतलब है कि नकली दूध में यूरिया , डिटर्जेंट , स्टार्च , कास्टिक सोडा , हाइड्रोजन-पर-ऑक्साइड , बोरिक एसिड मिलाया जाता है। 

 

उन्होंने बताया कि दूध में पानी की मिलावट को जांचने के लिए दूध की कुछ बूंदे तिरछी सतह पर डालने पर मुश्किल से बहे और पीछे दूध की लकीर छूटे तो समझना चाहिए कि दूध शुद्ध है।

 

वही दूध में यूरिया की मिलावट जांचने के लिए एक कप में दो चम्मच दूध डाल कर एक चम्मच सोयाबीन का आंटा मिलाने के 5 मिनट बाद लाल लिटमस पेपर डालने पर यदि रंग नीला पड़ जाता है तो समझना चाहिए कि दूध में यूरिया की मिलावट है।

 

इसी तरह दूध में फॉर्मलीन की मिलावट जांचने के लिए दो चम्मच दूध में 2 से 3 बूँद तेज़ाब मिलाने पर दूध के ऊपर नीले रंग का छल्ला बन जाए तो समझना चाहिए फॉर्मलीन की मिलावट है।

 

वही सिंथैटिक दूध को सूंघने पर साबुन की गंध आएगी। जबकि शुद्ध दूध को हाथो के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट नहीं लगेगी। मिलावटी दूध में डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट या झाग आती है तो ऐसा दूध सिंथेटिक हो सकता है। 

 

असली शुद्ध मावा खोया में चिपचिपा नहीं होगा, इसे अंगूठे के नाखून पर रगड़ने पर घी की महक आएगी और देर तक खुशबू रहेगी। वही हथेली पर खोये की गोली बनाने पर यदि खोया फटने लगे तो समझना चाहिए खोया मिलावटी है।  

 

इसी तरह से घी की जांच करने के लिए एक चम्मच घी में एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाने के 5 मिनट बाद यदि लाल रंग दिखे तो समझे की घी मिलावटी है।

 

इसी तरह से घी में स्टार्च और आलू की मिलावट जांचने के लिए घी में आयोडीन की कुछ बूँद डालने पर नीला रंग दिखने लगेगा।

 

उन्होंने बताया कि नकली घी बनाने में इसेन्स का प्रयोग भी किया जाता है। इसेन्स से बने नकली घी बुटेरिक एसिड साथ रिफाइंड आयल के साथ गरम करके छाना जाता है, और इसे पैकिंग कर पूजा के लिए घी खाने के लिए नहीं, लिखकर बाज़ारो में बेंचा जाता है जो कि गलत है।  

 

अभिजीत अधिकारी ने लोगो से सतकर्ता बरतने और लाइसेंस वाली दुकानों से खाद्य पदार्थ खरीदने और मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री पाए जाने पर विभाग को सूचित करने की अपील किया।