माँ कुपोषित तो संतान का स्वास्थ्य भी होगा प्रभावित , मातृ - शिशु पर कानपुर मेडिकल कॉलेज में कार्यशाला
 

 


 

कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जच्चा बच्चा चिकित्सालय में मेटरनल इन्फेंट एंड यंग चिल्ड्रेन न्यूट्रिशन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में गर्भवती महिलाओ एवं शिशुओं के कुपोषण के कारण होने वाले रोगो के रोकथाम , 

माँ और नवजात शिशु को होने वाली बीमारियों और बचाव के साथ स्वास्थ्य विषय पर जानकारी दी गयी।   

 

मेडिकल कॉलेज में प्रसूति एवं स्त्री विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ किरण पांडेय ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य गर्भवती महिलाओ को उचित खानपान एवं पोषक तत्वों की जानकारी देना है। जिससे गर्भस्थ शिशु के कुपोषण की दरों में कमी लायी जा सके। गर्भवती स्त्री के आहार में 5 प्रकार के खाने का समावेश होना चाहिए। जिसमे प्रोटीन , फैट , हरी सब्जी एवं पीला फल होना चाहिए।  

 

मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ आरती लाल चंदानी ने बताया कि गर्भवती महिलाओ एवं शिशुओं में होने वाली मृत्यु दर को समाप्त करने की दिशा में कानपुर मेडिकल कॉलेज वृहद स्तर पर कार्य कर रहा है। डॉ आरती ने बताया कि इसके लिए मेडिकल कॉलेज के तीन विभाग जिसमे प्रसूति एवं स्त्री विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ किरण पांडेय , बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यशवंत राय के साथ सामुदायिक चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सीमा निगम राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से लगातार कार्य कर रहे है। डॉ आरती लालचंदानी ने बताया कि गर्भवती महिलाओ को गर्भावस्था के दौरान उचित खानपान से प्रसवोपरान्त जटिलता की सम्भावना कम हो जाती है।